History Of Cricket in India | क्रिकेट का भारतीय इतिहास | live cricket ipl

 




History Of Cricket in India | क्रिकेट का भारतीय इतिहास | live cricket ipl


Where Cricket is Start in the world | How and When ? | दुनिया में क्रिकेट का इतिहास,क्रिकेट  कहाँ से, कब और कैसे शुरू हुआ ?

    क्रिकेट का इतिहास क्रिकेट के ही तरह रोमांच से भरा है, (History Of Cricket in India )वैसे तो ये बता पाना बहुत मुश्किल है कि क्रिकेट असल में कब शुरू हुआ, क्यूंकि क्रिकेट के विषय पर इतिहासकार द्वारा समय-समय पर अलग-अलग  तरह की दलीले दी जाती है |

                लेकिन ज्यादातर इतिहासकारों का मानना है कि क्रिकेट का शुरुआत 14वीं शताब्दी को हुआ था, इतिहासकारों के अनुसार इस खेल शुरुआत इंग्लैंड के छोटे से कस्बे वील्ड (Weald) के रहने वाले बच्चों द्वारा ढूंडा गया खेल है जो कई पीड़ियो तक बच्चों के खेल के रूप में जाना गया | इस प्रारंभ इंग्लैंड में होने के कारण इंग्लैंड को क्रिकेट जन्मदाता/जनक (Father of Cricket is england)

    History Of Cricket in India
    History of Cricket


    दरअसल ये खेल ज्यादातर  चरवाहों के बच्चे अक्सर  अपने भेड़, बकरीयों को  चराते वक्त खेलते थे, शुरुआत में वे क्रिकेट लकड़ी के गेंद व किसी कृषि औजार से खेला करते थे, जोकि सिर्फ खुद के मनोरंजन के लिए खेला करते थे |

           इस खेल में बल्लेबाज द्वारा गेंद को रोक कर जोर से मारकर अपने लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए किया जाता था , भेड़ के चारागाह या इसके किनारे खेला जाता था, इस खेल में लकड़ी की गेंद या भेड़ के ऊन के गोलों को गेंद के रूप में और छड़ी या अन्य किसी कृषि औजारों को बल्ले (Bat) के रूप में तथा स्टूल (Stool) या बांस को विकेट (Wicket)  16वीं सदी से ये खेल बच्चो से होते हुए बुजुर्गों और नवजवानों में प्रसिद्ध होने लगा |

    History Of Cricket in India
    Cricket history and evolution

    अब नवजवान युवा भी इस खेल में दिलचस्पी लेने लगा था, और एक नया खेल इस दुनिया के सामने आया, तब इस खेल को creckt कहा जाता था |

    प्रथम निश्चित साक्ष्य 

    इस खेल का निश्चित सन्दर्भ 1597 को एक अदालत के मामले में स्कूल के एक  जमीन के मालिकाना हक पर विवाद के विषय में पाया जाता है की एक 59 वर्षीय कोरोनर, जॉन डेरिक ने गवाही दिया की था की वह और उसके स्कूल के दोस्तों ने इस स्थान (जमीन) पर पचास साल पहले creckett को खेला था श्री डेरिक के गवाही से यह साबित होता है की यह खेल 1550 ई० के पहले से खेला जा रहा था |

    17वीं सदी का क्रिकेट 

      17वीं सदी तक क्रिकेट अन्य खेलों की तरह प्रचलित हो चूका था, अब ये खेल युवाओं को अपनी ओर इस कदर आकर्षित करने लगा था के लोग रविवार (sunday) को चर्च न जा कर लोग इस खेल को देखने या खेल के मैदान में चले जाते थे हलाकि इस खेल की लोकप्रियता को देखते हुए sunday के दिन खेलने देखने लिए  कई नियम और कानून बना दिए गए थे क्यों की पादरिओं को डर था के लोग इस खेल की वजह से धार्मिक भावना से दूर हो रहे हैं | क्रिकेट का जन्म स्थान ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) को माना जाता है,लेकिन शुरुआती दौर में इसे खेलने के लिए कोई नियम या कानून नहीं थे, जब 17वीं में ये खेल बड़े लोगों के बीच खेला जाने लगा तब इस खेल को खेलने के लिए कई नियम और कानून बनाये गये अब धीरे-धीरे ये खेल अमीरों में भी लोकप्रिय होने लगा था, और उनलोगों का यह साही खेल बन गया और फिर 1611 ई० में क्रिकेट खेल को शब्दकोष (Dictionary) में जोड़ा गया |
      
    History Of Cricket
    Cricket का इतिहास 

    क्रिकेट का अंतर्राट्रीयकारण | International Cause of Cricket |

      अभी तक क्रिकेट  मुख्य रूप से इंग्लैंड (England) में खेला जाता था, लेकिन 18वीं सदी में ये खेल दुनिया के दुसरे हिस्सों में भी पहुँचने लगा था 1844 ई० में सबसे पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच खेला गया था, ये मैच न्यू जर्सी के एलिसियन फील्ड में खेला गया था जो की काफी सफल रहा था 1859 में पहली बार प्रमुख अंग्रेजी क्रिकेट टीम विदेश दौरे पर रवाना हुई, और 1862 में पहली अंग्रेजी टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया 1877 में इंग्लैंड पर्यटन टीम ने ऑस्ट्रलियन टीम के साथ दो मैच ऑस्ट्रेलिया में खेले जो की काफी सफल रहा और इसी सीरीज को टेस्ट मैचों का उद्घाटन मैच माना जाता है |
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       1878 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड का दौरा किया जोकि शानदार सफल हुआ, हलाकि इस दौरे में कोई टेस्ट मैच नहीं हुआ | इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 1882 में लंदन के Kennington Oval के मैदान में Test Match खेला गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 7 (सात ) रन से हरा दिया, किसी विदेशी की इंग्लिश सरजमीं पर पहली जीत थी इंग्लैंड के हार के बाद ब्रिटिश अख़बार Sporting Time ने लिखा शौक समाचार, इंग्लिश क्रिकेट को याद करते हुए इतना ही कहना चाहूँगा कि 29 अगस्त 1882 में ओवल ग्राउंड में इसकी मौत हो गई, इसे चाहने वाले दुःख में हैं | इंग्लिश क्रिकेट (English Cricket ) मर गया, उसके अंतिम संस्कार के बाद इसका Ashes यानि राख को, Australia भेज दी जाएगी |
    History Of Cricket

         Sporting Time News 

    आपको बताता चालू की इसी Ashes शब्द के वजह से इन दोनों देशों के बीच होने वाले Test Series को The Ashes कहा जाता है | जो आज भी England और Australia के बीच खेले जाने वाली बहुत ही चर्चित टेस्ट सीरिज है | 

           और फिर 1889 में दक्षिण अफ्रीका भी test cricket खेलने वाला राष्ट्र बन गया, क्रिकेट का शुरुआत वहीं हुई है जहाँ पर ब्रिटिश हुकूमत काइम हुई है | वेस्ट इंडीज में इस क्रिकेट का शुरुआत कोलोनिस्ट्स (Colonists) द्वारा की गई |

    भारत में क्रिकेट का शुरुआत | Cricket Start in India 

    भारत में क्रिकेट का शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के नाविकों द्वारा किया गया था जो अपने मनोरंजन के लिए खेला करते थे |
             वैसे तो भारत में क्रिकेट 1721 में ही खेलना प्रारंभ कर दिया था लेकिन यह तो बस एक शुरुआत भर थी,
    क्यों कि इसके बाद से पहली बार 1848 ई० में पारसी समुदाय के लोगों ने इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए ओरिएंटल क्रिकेट क्लब (Oriental Cricket Club) बनाया, क्लब बनाने के बाद भी इस खेल में भारत के लोगों का काफी धीमी शुरुआत रहा, हलाकि समय बीतने के साथ लोगों पसंद बदली और साल 1900 ई० के बाद से भारत के लोगों क्रिकेट को अच्छे से खेलना शुरू किया |
             1912 आते आते बॉम्बे के पारसी, सिख, हिन्दू, और मुस्लिम हर साल यूरोपियन से टूर्नामेंट खेलने लगे और इसी बीच भारत के कुछ दिग्गज खिलाड़िओं को भी इंग्लैंड क्रिकेट टीम के तरफ से खेलने का मौका मिला. जिनमें मशहूर खिलाड़ी रंजित सिंह जी (RANJITSINHJI) और के० एस० दुलीप सिंह जी (K. S. DULEEP SINHJI)है, आगे चलकर इन्ही दिग्गजों के नाम पर भारतीय क्रिकेट के दो घरेलु टूर्नामेंट (DOMESTIC CRICKET) का नाम रणजी ट्रॉफी और दुलीप ट्रॉफी (RANJI TROPHY एंड DULEEP TROPHY) रखी गई |
              भारतीय खिलाड़िओं के अच्छी प्रदर्शन को देखते हुए 1932 ई० में सी० के० नायडू (C.K Naidu ) के कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) को  पहलीबार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने के लिए बुलाया गया, लेकिन उस समय भारतीय क्रिकेट टीम इतनी कमजोर थी की इंग्लैंड को भारतीय टीम को हराने में कोई परेशानी नहीं हुई |
    History Of Cricket in India

      1933 ई० में पहली बार इंग्लैंड की टीम भारतीय जमीन पर Test Series खेलने आई लेकिन यहाँ पर भी उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को 2-0 से मात दे दी | और फिर 1935 और 1940 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम Indian Cricket Team अपने आप को इम्प्रूव करने के लिए जी तोड़ मेहनत की लेकिन उन्हें अभी तक कोई भी अंतर्राष्ट्रीय सफलता नहीं मिल पाई थी, इसी बीच द्वीती विश्व युद्ध (Second World War) भी शुरू हो गया था इसलिए दौर में कोई भी टूर्नामेंट नहीं खेला गया | साथ ही इस समय भारतीय वीर भी देश को आजादी दिलाने में लगे हुए थे |
      1947 ई० में भारत आजाद हो जाने के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम Indian Cricket Team अपनी पहली test series ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली, यह पहली बार था कि भारतीय टीम इंग्लैंड के अलावा किसी और देश के साथ मैच खेल रहा था, हलाकि यह सीरिज भी भारत 4 - 0 हार गई| 1948 में भारतीय क्रिकेट टीम अपने होम ग्राउंड (Home Ground) पर वेस्ट इंडीज से पांच मैचों की टेस्ट सीरिज खेली, यहाँ भी वेस्ट इंडीज 1 - 0 से जीत गई, अभी तक भारत क्रिकेट के खेल में अपने आप को बेहतर तो कर रहा था लेकिन अभी तक भारतीय क्रिकेट टीम को कोई अंतर्राष्ट्रीय जीत नहीं मिल पाया था | पहली बार भारतीय टीम का मेहनत रंग लाई 1952 में जो इंग्लैंड के विरुद्ध पहली अंतर्राष्ट्रीय मैच में जीत दर्ज की (Test Victory, in their 24th Match against England) इस जीत के बाद साल के अंत तक पाकिस्तान के विरुद्ध टेस्ट सीरिज जीत लिए, सर्वप्रथम भारतीय टीम ने टेस्ट सीरिज पाकिस्तान के खिलाफ़ जीता था |
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         1956 में भारतीय क्रिकेट टीम के मेहनत काम आया जब न्यूजीलैंड New Zealand को भी मात देकर Test series जीत कर परचम लहराया |
    हलाकि यहाँ से कुछ साल भारत को लगातार हार का सामना करना पड़ा, फिर भारतीय टीम ने  1961- 62 में वापसी की और इसबार इंग्लैंड को ही मात दे दी, इंग्लैंड से भी टेस्ट सीरिज जीत Won the Test Series कर क्रिकेट जगत में अपना छाप छोड़ दिया था |

    क्रिकेट में वक्त के साथ नियम में बदलाव | Changes in rules Over time in Cricket 

     बदलाव जैसे संसार का नियम है, उसी प्रकार Cricket rules के नियमों में भी समय-समय पर परिवर्त्तन और सुधार होता रहा है, शुरुआती दौर में क्रिकेट खिलाड़ी को किसी भी bat बल्ले से खेलने की आजादी थी, लेकिन एक मैच में एक खिलाड़ी द्वारा बहुत बड़े और चौड़े बल्ले से batting करने के बाद जो विवाद हुआ उसके बाद बल्ले की साइज़ Bat size, बल्ले की चौड़ाई bat width सुनिश्चित कर दिया गया, उससे अधिक चौड़ाई के बल्ले इस्तेमाल कोई खिलाड़ी नहीं कर सकता है |

              शुरुआती दौर आज के जैसा bowling नहीं होती थी उस समय बॉलर द्वारा Under arms bowling की जाती थी जो बाद में इस नियम को भी अमान्य कर दिया गया और नया नियम 1980 बनाया गया जो Overarms bowling rules को लागू किया गया |

    History Of Cricket in India

     इसके अलावा एक ओवर Over में कभी 8 गेंदें तो कभी 4 गेंदें फेकी जाती थी, 1889 तक 4 गेंद  प्रति ओवर ही फेकी जाती थी, जो बाद में बदल कर 5 ball प्रति over हो गयी थी, और सन 1900 से 6 गेंद प्रति ओवर का नया नियम बना दिया गया |

            बाद कुछ देशों ने 8 गेंद प्रति ओवर का भी प्रयोग किया, जिसमें Australia, New Zealand और South Africa भी शामिल थे, 8 गेंद प्रति ओवर का प्रचलन 1940 तक चलता रहा, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट 2nd World War के कारण निलंबित कर दिए गये थे और जब क्रिकेट दोबारा शुरू हुआ तो 6 गेंद वाला over सभी देशों द्वारा अपना लिया गया |

         1774 में पहली बार LBW लागू किया गया था, बॉलर को भी तरजीह दी सके बल्लेबाज गलत फ़ायदा नहीं उठा सके, हलाकि इसे फिर 1980 में नए तरीके से लागू किया गया और पहली बार अंपायर को फैसला लेने के लिए चुना गया 

     एक दिवशीय मैच (ONE DAY CRICKET) प्रारूप का शुरुआत 

       1971 में क्रिकेट का एक नए प्रारूप का शुरुआत हुआ, भारतीय क्रिकेट टीम को टेस्ट क्रिकेट में एक औसत टीम के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम one day cricket के लिए बहुत ही कमजोर था, भारतीय टीम पहले दो वर्ल्ड कप (World Cup) में पहले राउंड से आगे नहीं जा सकी | 
      लेकिन तीसरे विश्व कप 1983 | World Cup 1983 में कपिल देव के कप्तानी में रोजर बिन्नी और इन्ही की तरह ही और कई तेज तर्रार खिलाड़िओं के मदद से अपने डिफेंडिंग चैंपियन वेस्ट इंडीज को बुरी तरह से हरा दिए और 1983 का विश्व कप अपने नाम कर लिए |  World Cup 1983 के फाइनल मैच में भारत टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.4 ओवरों में 183 रन का लक्ष्य west Indies को दिया,जिसके जवाब में वेस्ट इंडीज टीम ने 52 over में 140 रन ही बना पाए | कमजोर कहे जाने वाले Indian Cricket Team पुरे दुनिया में अपना परचम लहरा दिया |


    History Of Cricket in India

    Indian 1983 World Cup Squad 

    सभी खिलाड़ी दाएँ हाथ के बल्लेबाज थे 

    Indian 1983 World Cup Squad
    Player Age Bowling Style
    Kapil Dev (C) 24 Right-arm fast-medium
    Mahinder Amarnath 32 Right-arm medium
    Kirti Azad 24 Right-arm off -spinner
    Roger Binny 27 Right-arm fast-medium
    Sunil Gavaskar 33 Right-arm medium
    Syed Kirmani (WK) 33 Wicket-keeper
    Madan Lal 32 Right-arm medium
    Sandeep Patil 26 Right-arm medium
    Balwinder Sandhu 26 Right- arm medium-fast
    Yashpal Sharma 28 Right-arm medium
    Ravi Shastri 21 Slow left-arm orthodox
    Krishnamachari Srikkanth 23 Right-arm medium
    Sunil Valson 24 Left-arm medium
    Dilip Vengsarkar 27 Right-arm medium

      भारतीय क्रिकेट टीम 1990 के दशक में खूब मेहनत की और भारत को इस दौर में सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और वीरेंदर सहवाग जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी मिला जो भारतीय क्रिकेट टीम को  बहुत ऊंचाई तक ले गया, और दुनिया में भारतीय क्रिकेट का अलग ही पहचान बनाया |

    टी-20 का प्रारंभ (Starting of T20)

    17 फ़रवरी 2005 को क्रिकेट का नया Format (प्रारूप) टी 20 का शुरुआत हुआ,इसका पहला विश्व कप T20 World Cup 2007 में हुआ, जिसका फाइनल मैच पाकिस्तान और भारत के बीच हुआ  भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने नाम किये |

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    T20 World Cup 2007

      2011 में One Day Cricket प्रारूप का विश्व कप (World Cup 2011) हुआ, इस वर्ल्ड कप का फाइनल मैच 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था जो भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को मात देकर अपने नाम कर लिया | इस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में पहले श्रीलंका बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 274 रन बनाये थे, जिसमें श्रीलंका के तरफ से महेला जयवर्धने ने  सार्वाधिक रन 103 रनों के नाबाद पारी खेली थी, जबकि भारत ने गौतम गंभीर के 97 रन और महेंद्र सिंह धोनी के 91 रनों के शानदार पारी ने, 275 रन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया, और  World Cup 2011 पर कब्ज़ा कर लिया | Cricket World Cup 2011 पर विजय का श्रेय Indian Cricket Team Captain Mahendra Singh Dhoni और साथी खिलाड़िओं को जाता है |

    World Cup 2011

    • Man of the turnament Yuvraj Singh (For 15 Wicket and 362 runs)
    • Man of the Match Mahendra Singh Dhoni (For WC Final Match)

    History Of Cricket in India
    India Win the World Cup 2011

    Player list of Cricket World Cup 2011

    • महेंद्र सिंह धोनी  (Captain and Wicketkeeper)
    • वीरेंदर सहवाग (उपकप्तान)
    • गौतम गंभीर 
    • सचिन तेंदुलकर 
    • युवराज सिंह 
    • विराट कोहली 
    • सुरेश रैना 
    • पियूष चावला 
    • आशीष नेहरा 
    • मुनाफ पटेल 
    • हरभजन सिंह
    • युसूफ पठान 
    • शांताकुमारन श्रीशांत 
    • रविचंद्रन आश्विन 
    • ज़हीर खान 

    FAQ

    Q. Cricket को हिंदी में क्या कहते हैं ?
      Answer : Cricket हिंदी गोलगट्टम लकड़ पट्टम दे दनादन प्रतियोगिता कहलाते हैं |
     Q. who is the king of cricket ?
     Answer : Virat Kohli 
     Q. which country won most 50 over cricket world cup ?
      Answer : Australia (Five times won the ODI world cup)
     Q. For which country did rahul dravid play international cricket ?
     Answer : Rahul dravid also known as "The Wall" he is a Indian former Cricketer who played for Indian national team from 1996 to 2012. He did not play for any other Country.
    Q. IPL 2023 date
     Answer : 31 March 2023 (First match GT vs CSK)
     Q. Who the father of cricket ?
      Answer : English cricket pioneer Sir William Gillbert Grace is known as father of cricket. 
    Q. Who is the father of cricket in India?
    Answer : Ranjitsinhji is the father of cricket in india








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