जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया, उसी दिन यहां कुछ लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोक सभा सीट से नामांकन के बाद कुछ लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया लोगों के विरोध करने का कारण जानें विस्तार से
जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उसी दिन यहां कुछ लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया, कई लोगों ने जिनमें से कई लोग पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाह रहे थे। आरोप लगाया के उन्हें अवसर से वंचित किया जा रहा है। हालांकि चुनाव अधिकारियों ने अब तक प्रतिक्रिया मांगने पर भी कोई जवाब नहीं दिया। बाद में कई प्रदर्शनकारियों को अपना नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई। कामयाबी हासिल करने वालों में पीएम मोदी के मिमिक्री करने वाले कलाकार और कॉमेडियन श्याम रंगीला भी थे।
उत्तर प्रदेश के लोकसभा सीट वाराणसी कई कई कारणों से चर्चा में छाए रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वाराणसी सीट से अपना नामांकन के पर्चा दाखिल किया । वहां कुछ लोगों प्रदर्शन कर रहे थे, जब लोगों से जानकारी ली गई तो पता चला कि प्रशासन द्वारा, हमें (प्रदर्शन कर रहे लोग) अपना नामांकन दाखिल करने के अवसर नहीं दे रहें हैं, जिसके चलते हम लोगों ने प्रदर्शन किया उनमें से कुछ लोगों ने यह भी बताएं कि मुझे अवसर प्राप्त हुआ कि मैं अपना नामांकन दाखिल किया। जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनमें से एक प्रत्याशी ने बताया कि मैं अपना नामांकन दाखिल किया, लेकिन प्रशासन से मुझे बताया गया कि आपका पेपर में कुछ त्रुटियां हैं, जिसे सुधार कर दोबारा जमा करने की कृपा करें।
कुछ लोगों का शिकायत था कि हमें अपना नामांकन दाखिल करने में यहां के प्रशासन किसी तरह का सहयोग किया या मौका नहीं दे रहे हैं, तो प्रशासन से आग्रह है कि हमें भी इस लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से हमें अपना नामांकन पर्चा भरने की अनुमति दे।
श्याम रंगीला
नामांकन पर्चा दाखिल करने में सफल होने वाले प्रत्याशी में से फेमस कलाकार और नरेंद्र मोदी जी के मिमिक्री करने वाले कॉमेडियन आर्टिस्ट श्याम रंगीला ने भी अपना पर्चा दाखिल किया उनका कहना है, कि 8 मई से मैं अपना नामांकन के लिए आ रहा हूं। लेकिन यहां प्रशासन द्वारा मेरा नामांकन पत्र स्वीकृत नहीं किया जा रहा था, और नामांकन का आज आखिरी तारीख है। इसी कारण से हमलोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया। लेकिन आज मैं खुश हूं कि मेरा भी यहां के इलेक्शन कमीशन के ऑफिसर द्वारा मेरा नामांकन पर्चा स्वीकृत किया गया है, जिसको लेकर मैं बहुत खुश हूं।
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